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Jagannath Temple Mystery : जगन्नाथ मंदिर के आश्चर्यजनक रहस्य, विज्ञान के पास भी नहीं है जवाब

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Jagannath Temple Mystery:   पुरी का जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) हिन्दु धर्म की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। जगन्नाथ मंदिर चार धामों में से एक है। जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) विष्णु (Lord Vishnu) के 8वें अवतार श्रीकृष्ण (Shri krishna) को समर्पित है। यहां भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) बड़े भाई बलभद्र (Balbhadra) और बहन सुभद्रा (Subhadra) के साथ विराजते हैं। पुराणों में जगन्नाथ पुरी को धरती का बैकुंठ यानी की स्वर्ग बताया गया है। ऐसा वर्णित है कि पुरी में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने पुरुषोत्तम नीलमाधव के रूप में अवतार लिया था। यह पौराणिक मंदिर अपने आप में अलौकिक है। इस मंदिर से जुड़े कई ऐसे रोचक तथ्यों (Jagannath Temple Mystery) है जिनका जवाब आज तक विज्ञान के पास भी नहीं है। आज के लेख में हम इस मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे ही चमत्कारी रहस्यों (Jagannath Temple Mystery) के बारे में बतायेंगे जिनका जवाब विज्ञान के पास भी नहीं है - यह भी पढ़े-   पूजा करते अपनाये यह नियम हवा के विपरीत दिशा में लहराता है झंडा  जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) के शिखर पर स्थित झंडा हमेशा हवा ...

Ashad Month : आषाढ़ माह में इन कामों को करनी है मनाही, जाने आषाढ़ माह का धार्मिक महत्व

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Ashad Month :  हिन्दू धर्म (Hindu Dharm) में हर माह का अपना महत्व है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का  चौ था महीना आषाढ़ का होता है। आषाण माह (Ashad Month) का प्रारंभ 15 जून 2022 से हो चुका है जो कि 13 जुलाई 2022 को समाप्त होगा। हिन्दू धर्म शास्त्रों में आषाढ़ मास (Ashad Month)  को धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस महीने में भगवान विष्णु (Lord Vishnu Workship) और शिव जी (Lord Shiv Workship) की पूजा बहुत फलदायी मानी गई है। इस महीने में सूर्य देव (Lord Surya Workship) की पूजा करने का विशेष महत्व है। वर्षा ऋतु की शुरूआत भी इसी माह से हो जाती है, इसी कारण से इसे वर्षा का महीना भी कहा जाता है।  यह भी पढ़े-  पूजा करते समय अपनाये यह नियम आषाढ़ माह के व्रत-त्योहार (Ashad Month Festival) आषाढ़ माह (Ashad Month) में कई व्रत-त्योहार भी पड़ते हैं जिनमें से देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) प्रमुख है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास (Ashad Month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) कहा जाता है। पुराणों के अनुसार, इस दिन से च...

Akshaya Tritiya 2022 : अक्षय तृतीया पर इस तरह करें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा, होगी अपार धन की प्राप्ति

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Akshay Tritiya 2022 : हिन्दू धर्म (Hindu Dharm) की प्रमुख तिथियों में से एक तिथि अक्षय तृतीया है। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2022) वैशाख माह के शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है। कुछ जगहों पर इसे आखा तीख के नाम से बुलाया जाता है। इस साल अक्षय तृतीया  (Akshaya Tritiya 2022)  3 मई, दिन मंगलवार को मनाई जायेगी। हिन्दू धर्म (Hindu Dharm) में अक्षय तृतीया  (Akshaya Tritiya )  को बड़ा शुभ माना गया है। इस दिन अनदेखा महूर्त होता है अर्थात किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए मुहूर्त निकालने की जरूरत नहीं होती है।   यह भी पढ़े- इस तरह करें भगवान विष्णु की पूजा 50 साल बाद शुभ संयोग में पड़ रही अक्षय तृतीया इस साल अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya)  मंगल रोहिणी नक्षत्र (Rohani Nakshatra) के योग से शोभन योग में पड़ रही है, जो तैतिल करण और वृष राशि के चंद्रमा के साथ आ रही है। मंगलवार का दिन और रोहिणी नक्षत्र के कारण इस साल अक्षय तृतीया  (Akshaya Tritiya)  पर मंगल रोहिणी योग बन रहा है। शोभन योग में पड़ने के कारण इस साल अक्षय तृतीया को काफी शुभ माना जा रहा है। वहीं 50 साल ब...

Ekadashi Vrat : एकादशी पर इस तरह करें श्री हरि भगवान विष्णु की पूजा, सभी मनोकामना होगी पूरी

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Ekadashi Vrat : हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि (Ekadashi Vrat) का बहुत महत्व है। हर माह में दो एकादशी पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में तो दूसरी शुक्ल पक्ष में। इस तरह साल भर में 24 एकादशी पड़ती है। जबकि अधिक मास होने की स्थिति में एकादशी की संख्या 26 हो जाती है। एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु (Lord Vishnu) का माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) के साथ पूजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति एकादशी का व्रत (Ekadashi Vrat) और विष्णु जी (Lord Vishnu) की सच्चे भाव से पूजन करता है उसे जीवन में असीमित सफलता मिलने के साथ-साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही जातक के घर में सुख, समृद्धि आती है। यह भी पढ़े- बसंत पंचमी पर ना करें ये काम फरवरी माह की पहली एकादशी  फरवरी माह (Feb Month) की पहली एकादशी जया एकादशी (Jaya Ekadashi) के रूप में मनाई जाती है। इस बार जया एकादशी 11 फरवरी शुक्रवार को दोपहर लगभग 1.30 पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 12 फरवरी को शाम करीब 4.20 तक रहेगी। इस तरह शनिवार 12 फरवरी को एकादशी का व्रत (Ekadashi Vrat) करना श्रेयस्कर होगा क्योंकि हिन्दू धर्म (Hindu Religion) में उदया तिथि ...