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इस नियम से भगवान शिव पर चढ़ाये बेल पत्र, भोलेनाथ करेंगे मनोकामना पूर्ण

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सावन माह (Sawan Month) का शुभारंभ 14 जुलाई से शुरू हो गया है और 12 अगस्त को पूर्णिमा के दिन इस पवित्र महीने की समाप्ति होगी। हिंदू धर्म (Hindu Dharm) में इस माह का बहुत महत्व है क्योंकि यह माह शिव शंकर भगवान (Lord Shiv Shankar) का प्रिय माह माना जाता है। भगवान शिव को भोलेनाथ, महादेव व आदिनाथ भी कहा जाता है। भगवान भोलेनाथ केवल भाव के भूखे हैं, यदि भोलेनाथ का कोई भक्त श्रद्धापूर्वक उन्हें केवल एक लोटा जल अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न होकर जातक की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।  बेलपत्र है अत्यंत प्रिय सावन माह में भगवान शिव (Lord Shiv) का गंगाजल से अभिषेक और विधि-विधान से पूजा करने से शिव शंकर भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शिवलिंग की पूजा में बहुत सारी चीजें चढ़ाई जाती हैं लेकिन बेलपत्र (Bel Patra) के पत्ते भगवान शिव (Lord Shiv) को बहुत प्रिय हैं, इसलिए भगवान शिव की पूजा अर्चना में बेलपत्र (Bel Patra) नहीं चढ़ाया तो वह अधूरी मानी जाती है।  ऐसी मान्यता है कि बिना बेलपत्र के शिव जी की उपासना (Lord Shiv Workship) पूरी नहीं होती है। शिव पुराण (Shiv puran) के अनुसार सावन माह (S...

Pooja Path Rules : पूजा करते समय अवश्य अपनाये यह नियम, मनवांछित फल की होगी प्राप्ति

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हिन्दू धर्म (Hindu Dharm) में पूजा-पाठ (Pooja Path) का बहुत महत्व है। पूजा करने से घर का वातावरण शुद्ध और सकारात्मक रहता है। पूजा-पाठ (Pooja Path) से जहां व्यक्ति को आत्मीय सुख और शांति प्राप्ति होती है वहीं इससे भगवान का आशीर्वाद भी मिलता है। हिन्दू धर्म शास्त्रों में वर्णित है कि हर व्यक्ति को सुबह और शाम पूजा जरूर करनी चाहिए।  स्नान के बाद सुबह और शाम को पूजा करने का विशेष महत्व है। यूं तो सभी लोग अपने ईष्ट की आराधना यानी पूजा-पाठ करते हैं लेकिन सबका पूजा करने का तरीका अलग-अलग होता है। कुछ लोग नियमित रूप से ईश्वर की पूजा-पाठ (Pooja Path) करते है लेकिन उनको उसका मनवांछित फल प्राप्त नहीं होता है क्योंकि ईश्वर (Lord) की आराधना करते समय वह उन नियमों का पालन नहीं करते है जिससे उनकी मनोकामना पूरी हो। आज हम जानेंगे कि व्यक्ति को किस तरीके से अपने भगवान का पूजन करना चाहिए।  यह भी पढ़े-    ऐसे करें भगवान शिव की पूजा पूजा करने के नियम (Pooja Path Rules) भगवान की पूजा-उपासना करना भाव पूर्ण कार्य है। यानी आप शुद्ध हृदय से ईश्वर की उपासना करें लेकिन आजकल की भागदौड़ भरे जीवन में ...

Akshaya Tritiya 2022 : अक्षय तृतीया पर इस तरह करें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा, होगी अपार धन की प्राप्ति

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Akshay Tritiya 2022 : हिन्दू धर्म (Hindu Dharm) की प्रमुख तिथियों में से एक तिथि अक्षय तृतीया है। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2022) वैशाख माह के शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है। कुछ जगहों पर इसे आखा तीख के नाम से बुलाया जाता है। इस साल अक्षय तृतीया  (Akshaya Tritiya 2022)  3 मई, दिन मंगलवार को मनाई जायेगी। हिन्दू धर्म (Hindu Dharm) में अक्षय तृतीया  (Akshaya Tritiya )  को बड़ा शुभ माना गया है। इस दिन अनदेखा महूर्त होता है अर्थात किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए मुहूर्त निकालने की जरूरत नहीं होती है।   यह भी पढ़े- इस तरह करें भगवान विष्णु की पूजा 50 साल बाद शुभ संयोग में पड़ रही अक्षय तृतीया इस साल अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya)  मंगल रोहिणी नक्षत्र (Rohani Nakshatra) के योग से शोभन योग में पड़ रही है, जो तैतिल करण और वृष राशि के चंद्रमा के साथ आ रही है। मंगलवार का दिन और रोहिणी नक्षत्र के कारण इस साल अक्षय तृतीया  (Akshaya Tritiya)  पर मंगल रोहिणी योग बन रहा है। शोभन योग में पड़ने के कारण इस साल अक्षय तृतीया को काफी शुभ माना जा रहा है। वहीं 50 साल ब...

Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि का शुभ महूर्त, पूजा विधि, व्रत सहित जाने सभी कुछ

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Mahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म का पावन त्योहार है। महाशिवरात्रि पर्व फाल्गुन कृष्ण मास की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 01 मार्च 2022 को मनाया जायेगा। पुराणों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर (Lord Shiva) का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था। शिव भक्त इस दिन भोलेनाथ शिव शंकर की विधिवत पूजा अर्चना करते है व शिव शम्भू को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं। तो आईये जानते है कि महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) पर किस तरह भगवान शिव की पूजा, व्रत उपासना करना चाहिए जिससे शिव शम्भू की विशेष कृपा हमको प्राप्त हो। यह भी पढ़े-  ऐसे करें भगवान शिव की पूजा Mahashivratri 2022: शिव पूजा का शुभ मुहूर्त किसी भी पूजा को शुभ महूर्त में किया जाएं तो उसका अद्वितीय फल प्राप्त होता है। इस बार महाशिवरात्रि का शुभ महूर्त मंगलवार 01 मार्च को सुबह 03 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर बुधवार 02 मार्च की मध्य रात 01 बजे तक रहेगा। इस शुभ महूर्त में पूजा करना अत्यन्त ही श्रेष्ठकारी होता है। इस बार महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर पंचग्रहों के संयोग से कई शुभ योग भी बन रहे हैं। शिवरात्र...