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Ekadashi Vrat : एकादशी पर इस तरह करें श्री हरि भगवान विष्णु की पूजा, सभी मनोकामना होगी पूरी

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Ekadashi Vrat : हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि (Ekadashi Vrat) का बहुत महत्व है। हर माह में दो एकादशी पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में तो दूसरी शुक्ल पक्ष में। इस तरह साल भर में 24 एकादशी पड़ती है। जबकि अधिक मास होने की स्थिति में एकादशी की संख्या 26 हो जाती है। एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु (Lord Vishnu) का माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) के साथ पूजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति एकादशी का व्रत (Ekadashi Vrat) और विष्णु जी (Lord Vishnu) की सच्चे भाव से पूजन करता है उसे जीवन में असीमित सफलता मिलने के साथ-साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही जातक के घर में सुख, समृद्धि आती है। यह भी पढ़े- बसंत पंचमी पर ना करें ये काम फरवरी माह की पहली एकादशी  फरवरी माह (Feb Month) की पहली एकादशी जया एकादशी (Jaya Ekadashi) के रूप में मनाई जाती है। इस बार जया एकादशी 11 फरवरी शुक्रवार को दोपहर लगभग 1.30 पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 12 फरवरी को शाम करीब 4.20 तक रहेगी। इस तरह शनिवार 12 फरवरी को एकादशी का व्रत (Ekadashi Vrat) करना श्रेयस्कर होगा क्योंकि हिन्दू धर्म (Hindu Religion) में उदया तिथि ...

Basant Panchami Special : बसंत पंचमी पर भूलकर भी ना करें ये काम, सरस्वती मां हो जाएंगी रूष्ट

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Basant Panchami Special : बसंत पंचमी (Basant Panchmi) का त्योहार माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। आज ही के दिन से भारत में बसंत ऋतु (Basant Season) का भी आरम्भ होता है। इस दिन विद्या व संगीत की देवी मां सरस्वती के पूजन का विधान है। बसंत पंचमी  (Basant Panchmi) के दिन मां सरस्वती (Lord Saraswati) की पूजा-अर्चना करने से मां सरस्वती (Lord Saraswati) प्रसन्न होकर विद्या व बुद्धि का वरदान देती है। बसंत पंचमी (Basant Panchmi) को होली की त्योहार (Holi Festival) के प्रतीक के रूप में भी माना जाता है क्योंकि बसंत पंचमी से ठीक 40 दिन बाद रंगों का त्योहार होली मनाया जाता है। इस तरह करें Basant Panchmi की पूजा बसंत पंचमी (Basant Panchmi) पर पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करके पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा करें। विद्या की देवी मां सरस्वती को एक चैकी पर गंगाजल छिड़ककर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित करें और रोली-मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप मे अर्पित करें। पूजा स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबें रखें और बच्चों को भी पूजा...