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Monday Shiv Puja : सोमवार को ऐसे करें भगवान शिव की पूजा, सभी समस्याएं होंगी दूर

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Monday Shiv Puja :   सोमवार यानि भोलेनाथ शिव शंकर भगवान (Lord Shiv) का दिन। भोलेनाथ (Bholenath) एक ऐसे भगवान हैं जिन्हें खुश करना बहुत आसान है। सोमवार के दिन (Monday Shiv Puja) जो भी भक्त भोलेनाथ की सच्चे मन से आराधना करता है और विधि-विधान से पूजा करता है। भोलेनाथ शिव शम्भू उससे प्रसन्न होकर उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। सोमवार के दिन (Monday Shiv Puja) कुछ भक्त शुभ फल की प्राप्ति हेतु शंकर जी का व्रत (Lord Shiv Fast) भी रखते हैं। पुराणों में ऐसी मान्यता है कि जो भी कुंवारी कन्या भोलेनाथ का 16 सोमवार का व्रत रखती है तो उसे उत्तम वर की प्राप्ति होती है। तो आईये जानते हैं कि सोमवार के दिन भोलेनाथ शिव शम्भू की किस तरह आराधना करनी चाहिए। यह भी पढ़े-  एकादशी पर  इस तरह करें  भगवान विष्णु की पूजा   ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा  सोमवार के दिन प्रातःकाल स्नान करके केसरिया, पीला, लाल या सफेद रंग का वस्त्र धारण कर भगवान शिव की पूजा करें। हरे रंग का वस्त्र भी धारण कर सकते हैं। शंकर भगवान की पूजा में कभी भी काले वस्त्र न पहनें।  अपने घर के मंदिर में जाकर भोलेनाथ ...

Aditya Hridaya Stotra : आदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ से चमकेगी किस्मत, जानिए आदित्य हृदय स्तोत्र की महिमा

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Benefit of Aditya Hridaya Stotra : हिन्दू धर्म (Hindu Dharm) में सूर्य देवता (Lord Surya) को प्रत्यक्ष देवता के रूप में पूजा की जाती है। हिन्दू धर्म (Hindu Dharm) में पूरे श्रद्धा भाव से सूर्य देव की पूजा करने का विधान है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है। नवग्रहों में भी सूर्य देव (Lord Surya) को सबसे विशिष्ट स्थान प्राप्त है। सूर्य देव को पिता, पुत्र, प्रसिद्धि, यश, तेज, आरोग्यता, का कारक माना जाता है। सूर्य देव की नियमित आराधना से जातक को सूर्य के समान तेज और यश की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि अगर आपकी कुंडली में सूर्य मजबूत है तो सारे ग्रह अपने आप मजबूत हो जायेंगे। सूर्य को मजबूत करने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hridaya Stotra) का पाठ करना सर्वोत्तम माना जाता है। आदित्य हृदय स्तोत्र (Benefit of Aditya Hridaya Stotra) के नियमित पाठ से व्यक्ति के जीवन में यश, सम्मान की वृद्धि होती है। यह भी पढ़े-  इस नियम से चढ़ाये बेल पत्र आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ (Aditya Hridaya Stotra) अगर नियमित रूप से प्रतिदिन सुबह किया जाये तो व्यक्ति के जीवन में सकार...

इस नियम से भगवान शिव पर चढ़ाये बेल पत्र, भोलेनाथ करेंगे मनोकामना पूर्ण

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सावन माह (Sawan Month) का शुभारंभ 14 जुलाई से शुरू हो गया है और 12 अगस्त को पूर्णिमा के दिन इस पवित्र महीने की समाप्ति होगी। हिंदू धर्म (Hindu Dharm) में इस माह का बहुत महत्व है क्योंकि यह माह शिव शंकर भगवान (Lord Shiv Shankar) का प्रिय माह माना जाता है। भगवान शिव को भोलेनाथ, महादेव व आदिनाथ भी कहा जाता है। भगवान भोलेनाथ केवल भाव के भूखे हैं, यदि भोलेनाथ का कोई भक्त श्रद्धापूर्वक उन्हें केवल एक लोटा जल अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न होकर जातक की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।  बेलपत्र है अत्यंत प्रिय सावन माह में भगवान शिव (Lord Shiv) का गंगाजल से अभिषेक और विधि-विधान से पूजा करने से शिव शंकर भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शिवलिंग की पूजा में बहुत सारी चीजें चढ़ाई जाती हैं लेकिन बेलपत्र (Bel Patra) के पत्ते भगवान शिव (Lord Shiv) को बहुत प्रिय हैं, इसलिए भगवान शिव की पूजा अर्चना में बेलपत्र (Bel Patra) नहीं चढ़ाया तो वह अधूरी मानी जाती है।  ऐसी मान्यता है कि बिना बेलपत्र के शिव जी की उपासना (Lord Shiv Workship) पूरी नहीं होती है। शिव पुराण (Shiv puran) के अनुसार सावन माह (S...

Jagannath Temple Mystery : जगन्नाथ मंदिर के आश्चर्यजनक रहस्य, विज्ञान के पास भी नहीं है जवाब

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Jagannath Temple Mystery:   पुरी का जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) हिन्दु धर्म की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। जगन्नाथ मंदिर चार धामों में से एक है। जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) विष्णु (Lord Vishnu) के 8वें अवतार श्रीकृष्ण (Shri krishna) को समर्पित है। यहां भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) बड़े भाई बलभद्र (Balbhadra) और बहन सुभद्रा (Subhadra) के साथ विराजते हैं। पुराणों में जगन्नाथ पुरी को धरती का बैकुंठ यानी की स्वर्ग बताया गया है। ऐसा वर्णित है कि पुरी में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने पुरुषोत्तम नीलमाधव के रूप में अवतार लिया था। यह पौराणिक मंदिर अपने आप में अलौकिक है। इस मंदिर से जुड़े कई ऐसे रोचक तथ्यों (Jagannath Temple Mystery) है जिनका जवाब आज तक विज्ञान के पास भी नहीं है। आज के लेख में हम इस मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे ही चमत्कारी रहस्यों (Jagannath Temple Mystery) के बारे में बतायेंगे जिनका जवाब विज्ञान के पास भी नहीं है - यह भी पढ़े-   पूजा करते अपनाये यह नियम हवा के विपरीत दिशा में लहराता है झंडा  जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) के शिखर पर स्थित झंडा हमेशा हवा ...

Ashad Month : आषाढ़ माह में इन कामों को करनी है मनाही, जाने आषाढ़ माह का धार्मिक महत्व

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Ashad Month :  हिन्दू धर्म (Hindu Dharm) में हर माह का अपना महत्व है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का  चौ था महीना आषाढ़ का होता है। आषाण माह (Ashad Month) का प्रारंभ 15 जून 2022 से हो चुका है जो कि 13 जुलाई 2022 को समाप्त होगा। हिन्दू धर्म शास्त्रों में आषाढ़ मास (Ashad Month)  को धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस महीने में भगवान विष्णु (Lord Vishnu Workship) और शिव जी (Lord Shiv Workship) की पूजा बहुत फलदायी मानी गई है। इस महीने में सूर्य देव (Lord Surya Workship) की पूजा करने का विशेष महत्व है। वर्षा ऋतु की शुरूआत भी इसी माह से हो जाती है, इसी कारण से इसे वर्षा का महीना भी कहा जाता है।  यह भी पढ़े-  पूजा करते समय अपनाये यह नियम आषाढ़ माह के व्रत-त्योहार (Ashad Month Festival) आषाढ़ माह (Ashad Month) में कई व्रत-त्योहार भी पड़ते हैं जिनमें से देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) प्रमुख है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास (Ashad Month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) कहा जाता है। पुराणों के अनुसार, इस दिन से च...

Pooja Path Rules : पूजा करते समय अवश्य अपनाये यह नियम, मनवांछित फल की होगी प्राप्ति

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हिन्दू धर्म (Hindu Dharm) में पूजा-पाठ (Pooja Path) का बहुत महत्व है। पूजा करने से घर का वातावरण शुद्ध और सकारात्मक रहता है। पूजा-पाठ (Pooja Path) से जहां व्यक्ति को आत्मीय सुख और शांति प्राप्ति होती है वहीं इससे भगवान का आशीर्वाद भी मिलता है। हिन्दू धर्म शास्त्रों में वर्णित है कि हर व्यक्ति को सुबह और शाम पूजा जरूर करनी चाहिए।  स्नान के बाद सुबह और शाम को पूजा करने का विशेष महत्व है। यूं तो सभी लोग अपने ईष्ट की आराधना यानी पूजा-पाठ करते हैं लेकिन सबका पूजा करने का तरीका अलग-अलग होता है। कुछ लोग नियमित रूप से ईश्वर की पूजा-पाठ (Pooja Path) करते है लेकिन उनको उसका मनवांछित फल प्राप्त नहीं होता है क्योंकि ईश्वर (Lord) की आराधना करते समय वह उन नियमों का पालन नहीं करते है जिससे उनकी मनोकामना पूरी हो। आज हम जानेंगे कि व्यक्ति को किस तरीके से अपने भगवान का पूजन करना चाहिए।  यह भी पढ़े-    ऐसे करें भगवान शिव की पूजा पूजा करने के नियम (Pooja Path Rules) भगवान की पूजा-उपासना करना भाव पूर्ण कार्य है। यानी आप शुद्ध हृदय से ईश्वर की उपासना करें लेकिन आजकल की भागदौड़ भरे जीवन में ...

Akshaya Tritiya 2022 : अक्षय तृतीया पर इस तरह करें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा, होगी अपार धन की प्राप्ति

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Akshay Tritiya 2022 : हिन्दू धर्म (Hindu Dharm) की प्रमुख तिथियों में से एक तिथि अक्षय तृतीया है। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2022) वैशाख माह के शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है। कुछ जगहों पर इसे आखा तीख के नाम से बुलाया जाता है। इस साल अक्षय तृतीया  (Akshaya Tritiya 2022)  3 मई, दिन मंगलवार को मनाई जायेगी। हिन्दू धर्म (Hindu Dharm) में अक्षय तृतीया  (Akshaya Tritiya )  को बड़ा शुभ माना गया है। इस दिन अनदेखा महूर्त होता है अर्थात किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए मुहूर्त निकालने की जरूरत नहीं होती है।   यह भी पढ़े- इस तरह करें भगवान विष्णु की पूजा 50 साल बाद शुभ संयोग में पड़ रही अक्षय तृतीया इस साल अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya)  मंगल रोहिणी नक्षत्र (Rohani Nakshatra) के योग से शोभन योग में पड़ रही है, जो तैतिल करण और वृष राशि के चंद्रमा के साथ आ रही है। मंगलवार का दिन और रोहिणी नक्षत्र के कारण इस साल अक्षय तृतीया  (Akshaya Tritiya)  पर मंगल रोहिणी योग बन रहा है। शोभन योग में पड़ने के कारण इस साल अक्षय तृतीया को काफी शुभ माना जा रहा है। वहीं 50 साल ब...