Monday Shiv Puja : सोमवार को ऐसे करें भगवान शिव की पूजा, सभी समस्याएं होंगी दूर
Monday Shiv Puja : सोमवार यानि भोलेनाथ शिव शंकर भगवान (Lord Shiv) का दिन। भोलेनाथ (Bholenath) एक ऐसे भगवान हैं जिन्हें खुश करना बहुत आसान है। सोमवार के दिन (Monday Shiv Puja) जो भी भक्त भोलेनाथ की सच्चे मन से आराधना करता है और विधि-विधान से पूजा करता है। भोलेनाथ शिव शम्भू उससे प्रसन्न होकर उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। सोमवार के दिन (Monday Shiv Puja) कुछ भक्त शुभ फल की प्राप्ति हेतु शंकर जी का व्रत (Lord Shiv Fast) भी रखते हैं। पुराणों में ऐसी मान्यता है कि जो भी कुंवारी कन्या भोलेनाथ का 16 सोमवार का व्रत रखती है तो उसे उत्तम वर की प्राप्ति होती है। तो आईये जानते हैं कि सोमवार के दिन भोलेनाथ शिव शम्भू की किस तरह आराधना करनी चाहिए।
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ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा
सोमवार के दिन प्रातःकाल स्नान करके केसरिया, पीला, लाल या सफेद रंग का वस्त्र धारण कर भगवान शिव की पूजा करें। हरे रंग का वस्त्र भी धारण कर सकते हैं। शंकर भगवान की पूजा में कभी भी काले वस्त्र न पहनें। अपने घर के मंदिर में जाकर भोलेनाथ शिव शंकर की माता पार्वती समेत पूजा करें।
उसके बाद भोलेनाथ शिव शंकर जी के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर कच्चा दूध अर्पित करें। अगर कच्चे दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं तो विवाह संबंधी सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। सोमवार के दिन ताम्बे के बर्तन में जल भरकर शिवलिंग पर चढ़ाना भी बहुत ही फलदायक होता है। शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल अवश्य चढाएं। शिव शंकर भगवान की मूर्ति पर चावल अर्पित करते समय यह ध्यान रखें कि चावल के दाने टूटे न हो। उसके बाद शिवजी को भोग लगाएं। भोग में आप घी, शक्कर या खोये की किसी भी चीज का प्रयोग कर सकते हैं। इसके बाद सभी को प्रसाद बांटे।
कुछ लोगों की ऐसी मान्यता है कि शाम को शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। मंदिरों में शाम को शिवलिंग का श्रृंगार किया जाता है जिसके चलते जल चढ़ाने की मनाही होती है लेकिन शास्त्रों के अनुसार शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ाने की मनाही नहीं है। आप निश्चित होकर शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ा सकते हैं।
शिव पूजा का समय
शिव भगवान की पूजा के लिए सुबह छह से आठ का समय बहुत शुभ माना जाता हैं। भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष काल को सर्वोत्तम माना जाता है। किसी भी दिन सूर्यास्त से एक घंटा पूर्व तथा एक घंटा बाद के समय को प्रदोषकाल कहते हैं।
शिव पूजा में ये चीजें है निषेध
- भगवान शिव शंकर को केतकी और केवड़े का फूल कभी नहीं चढ़ाना चाहिए।
- शिव शंकर को हल्दी और रोली भी नहीं लगानी चाहिए। हल्दी का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन में होता है इसलिए इसका उपयोग शिव पूजा में निषेध है।
- नारियल पानी से भगवान शिव का अभिषेक कभी नहीं करना चाहिए।
- भगवान शिव को सिंदूर भी कभी न चढ़ाएं क्योंकि भगवान शिव संहारक के रूप में जाने जाते हैं इसलिए शिवलिंग पर सिंदूर नहीं चढ़ाया जाता है।
- तुलसी का पत्ता भी भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता है।
भोलेनाथ के व्रत में क्या खाये
भगवान शिव का व्रत रखने वालों को दिन भर ‘ऊँ नमःशिवाय‘, ‘नमः शिवाय’ का जाप करना चाहिए। शिव चालीसा या शिवाष्टक का पाठ भी करना उत्तम फलदायक होता है। शिव शंकर भोलेनाथ का व्रत सब व्रत में बहुत ही उत्तम है। व्रत के दौरान फल का सेवन जरूर करें क्योंकि फल खाने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। रात को सिंघाड़ा, खिचड़ी, साबू दाने की खीर का सेवन कर आप व्रत का पारण कर सकते हैं। आप चाहें तो बिना नमक की आलू की सब्जी का भी सेवन कर सकते है। व्रत के दौरान ध्यान रखें कि अधिक तली- भुनी चीजें ना खाएं क्योंकि इनको यदि खा लेंगे तो पेट में जलन हो सकती है। सोमवार के दिन आप चाहें तो पूरा दिन निर्जल व्रत भी रख सकते है।
भगवान शिव की पूजा से लाभ
भोलेनाथ का व्रत करने वाले भक्त को भगवान शिव का विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है। जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से सोमवार का व्रत करता है, भोलेनाथ उसके जीवन से दुख, रोग, कलह, क्लेश और आर्थिक तंगी दूर कर देते हैं। भगवान शिव की पूजा मात्र से ही विशेष फल की प्राप्ति होती है। अलग-अलग दिन शिव आराधना का अलग-अलग फल प्राप्त होता है। सोमवार को शिव पूजा करने से धन लाभ होता है। वहीं मंगलवार को की गई शिव पूजा से बेहतर स्वास्थ्य और रोगों का नाश होता है। बुधवार को शिव पूजा करने से पुत्र की प्राप्ति होती है। जबकि गुरुवार को शिव पूजा करने से लंबी उम्र मिलती है।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना श्रेयस्कर
शिव पूजन में महामृत्युंजय मंत्र ऊँ हौं जूं सः ऊँ भूर्भवः स्वः ऊँ त्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वरूकमिव बन्धनान्मृत्युर्मुक्षीय मामृतात् का अवश्य जाप करना चाहिए। यह मंत्र शिव जी का सबसे प्रिय मंत्र है। शिव पुराण के अनुसार इस मंत्र के जाप से मनुष्य को लंबी आयु मिलती है। मंत्र का जप करने वाले व्यक्ति के कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, दुःस्वप्न समेत कई बाधाएं का नाश होता है। मंत्र का जाप रूद्राक्ष की माला से करना चाहिए। वैसे तो सवा लाख बार इस मंत्र को जपने वाले मनुष्य की सारी बाधाएं दूर हो जाती है लेकिन अगर आप हर सोमवार 108 बार भी इस मंत्र का जाप कर लेते है तो शिव शंकर भोलेनाथ आपके सारे दुख दूर कर देते है। शिव जी के अन्य मंत्रों में नमः शिवाय, ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना भी बहुत ही फलदायक होता है।
Nice information
जवाब देंहटाएंGood
जवाब देंहटाएं,❤️❤️❤️
जवाब देंहटाएंकिया हिन्दू समाज् के सभी व्याक्ति को इस सब कि जानकारी होगी
जवाब देंहटाएंअगर नहीं हे तो वो इस प्लेटफार्म के माध्यम से बहुत अदिक अपने धर्म का सब कुछ सीख सकता हे
बहुत ही लाभदायक
जवाब देंहटाएंज्ञानवर्धक और बहुत अच्छी पोस्ट है
जवाब देंहटाएंBeery
जवाब देंहटाएंVerry nice
Excellent 👍👍
जवाब देंहटाएंYai gyan sab k leyai hit kari ho
जवाब देंहटाएंI am agree with you. Because I also think that lord Shiva is almighty.
जवाब देंहटाएंVery glad to read this.
जवाब देंहटाएंHay
जवाब देंहटाएंNice
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