Holi Special : होली पर बन रहे कई शुभ संयोग, जानिए होली की तिथि व शुभ मुहुर्त
Holi Special : रंगों का त्योहार होली (Holi) एक ऐसा त्योहार है जिसमें बच्चे, बड़े और बुजुर्ग सब एक ही रंग में रंग जाते है। सभी लोग एक दूसरे को अबीर, गुलाल लगाकर धूमधाम के साथ होली पर्व (Holi Festival) को मनाते है। यह त्योहार परस्पर एकता और भाईचारे का पर्व है। होली से आठ दिन पहले होलाष्टक (Holasthak) शुरू हो जाते है। होलाष्टक (Holasthak) के दौरान शुभ कार्य वर्जित होते है। इस साल होलाष्टक 10 मार्च से शुरू हो गये है।
होली (Dhulandi) के एक दिन पहले होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाता है। होलिका दहन (Holika Dahan) के दिन को कुछ लोग छोटी होली भी कहते है। होलिका दहन (Holika Dahan) पूर्णिमा तिथि (Purnima) को किया जाता है। पुराणों में ऐसा वर्णित है कि होलिका दहन (Holika Dahan) सूर्यास्त के बाद ही करना चाहिए लेकिन यदि बीच में भद्राकाल (Bhadrakaal) आये तो होलिका दहन (Holika Dahan) नहीं करना चाहिए। ऐसे में होलिका दहन (Holika Dahan) तब करना चाहिए जब भद्राकाल (Bhadrakaal) समाप्त हो चुका हो क्योंकि हिन्दू शास्त्रों में भद्राकाल को अशुभ समय माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि भद्राकाल (Bhadrakaal) में किया गया कोई भी काम सफल नहीं होता और उसके अशुभ परिणाम मिलते हैं। इस बार पूर्णिमा तिथि (Purnima) भी दो दिन पड़ रही है, साथ ही पूर्णिमा तिथि (Purnima) पर भद्राकाल (Bhadrakaal) होने के कारण लोगों में होली (Holi) और होलिका दहन (Holika Dahan) को लेकर संशय की स्थिति है तो आईये जानते है कि होलिका दहन (Holika Dahan) किस समय करना चाहिए और होली (Holi Festival) किस दिन मनाना श्रेयस्कर होगा।
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होलिका दहन का महूर्त
ज्योतिषियों के अनुसार इस बार पूर्णिमा तिथि (Purnima) 17 मार्च 2022 को दोपहर 01ः29 बजे से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12ः52 मिनट तक रहेगी। 17 मार्च 2022 को 01ः20 बजे से भद्राकाल शुरू हो जाएगा जो देर रात 12ः57 बजे तक रहेगा। भद्राकाल होने के चलते शाम के समय होलिका दहन (Holika Dahan) नहीं होगा। पुराणों में ऐसा बताया गया है कि होलिका दहन (Holika Dahan) रात के समय ही करना चाहिए। ऐसे में 17 मार्च को रात 12ः57 बजे भद्राकाल (Bhadrakaal) समाप्त होने के बाद होलिका दहन (Holika Dahan) करना श्रेयस्कर होगा। रात के समय होलिका दहन (Holika Dahan) करने के लिए शुभ समय 12ः58 बजे से लेकर रात 2ः12 बजे तक है।
होली कब मनाई जायेगी
होली (धुलेंडी) का पर्व प्रतिपदा तिथि में खेला जाता है। इस बार प्रतिपदा तिथि 18 मार्च को दोपहर 12ः52 मिनट से शुरू होकर 19 मार्च को दोपहर 12ः13 बजे तक रहेगी। ऐसे में होली (धुलेंडी) का पर्व 18 मार्च को मनाना ही उचित होगा क्योंकि रंगों के इस पर्व के लिए उदया तिथि का मान नहीं होता है।
होली पर बने रहे खास संयोग
ज्योतिषियों के अनुसार रंगों के पर्व होली (Holi Festival) पर कई खास योग इस बार बन रहे है। इन योगों के चलते इस बार की होली खास होने वाली है। इस बार होली पर वृद्धि योग, अमृत सिद्धि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। ऐसा माना जाता है कि वृद्धि योग में अगर कोई कार्य किया जाए तो उससे लाभ की प्राप्ति होती है। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग में किसी कार्य को करने से कार्यों से पुण्य प्राप्त होता है।
होली पर इस साल बुध-गुरु की युति से आदित्य योग का भी निर्माण हो रहा है। गुरूवार का दिन भी होलिका दहन (Holika Dahan) के दृष्टिकोण से अत्यन्त शुभ होगा क्योंकि गुरूवार का दिन बृहस्पति का दिन होता है। साथ ही बृहस्पति का दृष्टि संबंध चंद्रमा से होने से गजकेसरी योग भी बन रहा है। होली पर इस बार जो संयोग बन रहे है, वैसे संयोग पहले कभी नहीं बने। ये शुभ योग देश व समाज के लिए बहुत ही शुभ रहेगे। इन ग्रहों के सुखद संयोग से लोगों के मान सम्मान में वृद्धि होगी तथा पारिवारिक सुख समृद्धि भी बढ़ोत्तरी होगी।
मंदी को समाप्त करेगा यह राजयोग
होली के महापर्व (Holi Festival) पर इस बार सात योग होने से व्यापारियों के लिए सर्वोत्तम समय है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चली आ रही मंदी खत्म होगी। इसके अलावा विदेश नीति के नजरिए से भी यह समय अच्छा है। कई बड़ी बीमारियों से भी मुक्ति मिलेगी। रियल एस्टेट एवं उद्योगों को बड़ा लाभ होने के संकेत हैं। शेयर बाजार में भी अच्छी स्थिति बनेगी। साथ ही साथ महंगाई भी नियंत्रण में रहेगी।
होली पर जरूर करें ये महाउपाय
होली के दिन अगर आप कुछ अचूक उपाय कर लेते है तो आपके जीवन में चली आ रही परेशानियां दूर हो जायेगी। आईये हम जानते है, ऐसे ही अचूक उपायों के बारे में जिनके करने से आपके जीवन में चली आ रही आर्थिक व मानसिक परेशानियां दूर हो जायेगी।
1. अगर आपके परिवार के किसी व्यक्ति को आर्थिक परेशानी हो तो होलिका दहन के दिन होली की अग्नि में घी में भिगोई हुई पांच लौंग,पांच बताशे और एक पान का पत्ता होलिका पर चढ़ाएं। तत्पश्चात भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए होली की परिक्रमा करें। आपके जीवन में चली आ रही आर्थिक परेशानी जल्द दूर हो जायेगी।
2. यदि आपको कारोबार में बार-बार नुकसान हो रहा है। मेहनत करने के बाद भी लाभ नहीं हो रहा तो होली के दिन अपने व्यावसायिक स्थल के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर चैमुखा दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय मां लक्ष्मी की उपासना करें व धन हानि से बचने की प्रार्थना करें, ऐसा करने से आपको अवश्य फायदा होगा।
3. अगर आपके घर का कोई सदस्य लंबे समय से किसी बीमारी से पीड़ित चल रहा हो तो एक छोड़ा सा उपाय है जिसको करने से बीमारी दूर हो जाती है। होलिका दहन की राख को किसी कपड़े या कागज में लपेटकर बीमार व्यक्ति के तकिए के नीचे रख दे। इस महाउपाय को करने से धीरे-धीरे रोगी की बीमारी दूर हो जायेगी और वह स्वस्थ होता जाएगा।
4. यदि आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा ने घर कर लिया है तो उसे दूर करने के लिए होलिका दहन के अगले दिन होलिका की राख में थोड़ी सी राई व नमक मिलाकर पूरे घर में छिड़काव कर लें। ऐसा करने से आपके घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जायेगी व सकारात्मक वातावरण बनता जायेगा।
(रंगों के त्योहार होली को उल्लास के साथ मनाये व एक-दूसरे को खूब रंग लगाये। एक दूसरे से गले मिले और यदि किसी से कोई गिला-शिकवा हो तो उसे दूर करें और गले मिल मिठाई खिलाये। )
Very nice i like it very much
जवाब देंहटाएंNice knowledgeable vlogs
जवाब देंहटाएंजानकारी के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंGood story
जवाब देंहटाएंत्यौहार का असली मकसद किया होता हे वो ज़रूर लिखा करो
जवाब देंहटाएंत्यौहार सब से पहले हमें यही सिखाता हे
अपने रिश्तेदार से नाराजगी खत्म करदी जाए
कियोकि अगला त्यौहार के वक़्त हम हो या ना हो इस लिए त्यौहार सब अच्छा मौका होता हे अपने लॉगो को मनाना
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंअति सुंदर विचार🙏🙏
जवाब देंहटाएंबहुत लाभप्रद जानकारी
जवाब देंहटाएंUmda... Super
जवाब देंहटाएंIt's very nice
जवाब देंहटाएंBeautiful article
जवाब देंहटाएंWonderful article..
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