Akshaya Tritiya 2022 : अक्षय तृतीया पर इस तरह करें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा, होगी अपार धन की प्राप्ति
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50 साल बाद शुभ संयोग में पड़ रही अक्षय तृतीया
इस साल अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) मंगल रोहिणी नक्षत्र (Rohani Nakshatra) के योग से शोभन योग में पड़ रही है, जो तैतिल करण और वृष राशि के चंद्रमा के साथ आ रही है। मंगलवार का दिन और रोहिणी नक्षत्र के कारण इस साल अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर मंगल रोहिणी योग बन रहा है। शोभन योग में पड़ने के कारण इस साल अक्षय तृतीया को काफी शुभ माना जा रहा है। वहीं 50 साल बाद ग्रहों के विशेष योग से अद्भुत संयोग भी बन रहा है। इस बार एक ऐसा संयोग भी बन रहा है जिसके चलते दो ग्रह उच्च राशि में और दो प्रमुख ग्रह स्वराशि में रहेंगे। 30 वर्ष बाद अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर बनने वाला शुभ योग भी इस दिन का महत्व और भी बढ़ा रहा है।
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त
इस साल अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) तिथि 3 मई को सुबह 5 बजकर 19 मिनट से शुरू 4 मई सुबह 7 बजकर 33 मिनट तक रहेगी। जबकि रोहिणी नक्षत्र- 3 मई सुबह 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर 4 मई सुबह 3 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। उदया तिथि के मान के चलते 3 मई को अक्षय तिथि करना श्रेयस्कर होगा।
इस तरह करें पूजा
अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के साथ माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) की पूजा करना बहुत ही उत्तम होता है। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर श्री विष्णुजी (Lord Vishnu) और मां लक्ष्मी (Mata Lakshmi) की प्रतिमा पर अक्षत चढ़ाना चाहिए। तत्पश्चात श्री हरि भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करें। भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करवाएं और उसके बाद विधि विधान से पूजा करके भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के सामने देशी घी का दीया जलाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। ऐसा करने से आपको धन में वृद्धि प्राप्त होने की मान्यता है। इस दिन सभी भक्तजन भगवान विष्णु की आराधना में लीन होते हैं। इस दिन स्त्रियां अपने और परिवार की समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। ऐसा कहा गया है जो भी भक्त अक्षय तिथि (Akshaya Tritiya) को व्रत करता है वह ऋद्धि, वृद्धि एवं श्री से संपन्न होता है।
अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया एक ऐसी तिथि है जिसका अपने आपमें बड़ा महत्व है तो आईये जाते अक्षय तृतीया की तिथि का क्या महत्व है-
- अक्षय तृतीया के पवित्र अवसर पर प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बद्रीनारायण के कपाट खुलते हैं और वहां पूजा अर्चना शुरु होती है।
- अक्षय तृतीया के दिन भक्तगण वृंदावन के श्री बांके बिहारी जी मंदिर में श्री विग्रह के चरण दर्शन कर सकते हैं। सालभर में केवल यह एक अवसर होता है, जिस दिन आप ऐसा दर्शन कर सकते है।
- अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के अवतार भगवान परशुराम का जन्मोत्सव (Lord Parshuram Janmotshav) भी मनाया जाता है। पुराणों में ऐसा वर्णित है कि भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को परशुराम अवतार (Lord Parshuram) धारण किया था।
- अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन अबूझा महत्व होता है अर्थात आपको विवाह, सगाई, भवन, वाहन, वस्त्र, आभूषण आदि की खरीदारी करने के लिए किसी मुहूर्त की जरूरत नहीं होती है। इस दिन कोई भी शुभ कार्य करना उत्तम फल प्रदान करने वाला होगा। अक्षय तृतीया के दिन आभूषण व वस्त्र की खरीददारी को काफी शुभ माना जाता है।
- वैसे तो हिन्दू धर्म (Hindu Dharm) में दान का अपने आप में बड़ा महत्व है लेकिन अगर आप अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के पवित्र दिन को दान-पुण्य का कार्य करते है तो आपकी सुख-संपत्ति में वृद्धि के साथ-साथ आपके घर में धन धान्य में बढ़ोतरी होती है।
अक्षय तृतीया मनाने का कारण
अक्षय तृतीया मनाने को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं प्रचलित है। इनमें से कुछ पौराणिक मान्यताओं निम्न है-
- पहली मान्यता के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। इसी कारण इस दिन को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन भगवान परशुराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है।
- दूसरी पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन ऋषि भागीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा मां स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थी।
- तीसरी मान्यता के अनुसार, इस दिन रसोई घर की देवी मां अन्नपूर्णा का भी जन्म हुआ था। इसलिए पुराणों मे ऐसा वर्णित है कि अक्षय तृतीया के दिन रसोई घर और अनाज की पूजा अवश्य करनी चाहिए। साथ ही साथ आप किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराते है तो असीम पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है।
- आज ही के दिन ही भोले भंडारी भगवान शंकर (Lord Shankar) से भगवान कुबेर जी (Lord Kuber) ने महालक्ष्मी की पूजा करने के लिए कहा था। इसी कारण अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
- अक्षय तृतीया के दिन से ही महर्षि वेदव्यास ने महाभारत (Mahabharata) लिखना शुरू किया था। इसी ग्रंथ में श्री भगवत गीता भी समाहित है। इसलिए पुराणों में ऐसा वर्णित है कि अक्षय तृतीया के दिन श्री भगवत गीता के 18वें अध्याय का पाठ जरूर करना चाहिए।
- अक्षय तृतीया के दिन ही नर-नारायण ने भी अवतार लिया था। इसी कारण इसे शुभ माना जाता है।
- महाभारत ग्रन्थ (Mahabharata Granth) में वर्णित कथा के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण ने वनवास के दौरान पांडवों को 'अक्षय पत्र' भेंट किया था। अक्षय पात्र कभी भी खाली नहीं रहता है। यह हमेशा अन्न से भरा रहता है, जिससे पांडवों को अन्न की प्राप्ति होती रहती थी।
अक्षय तृतीया पर जरूर करें यह काम
- अक्षय तृतीया के दिन गरीबों को चावल, नमक, घी, फल, वस्त्र, मिष्ठान्न आदि का दान करना चाहिए और व्रत रखना चाहिए।
- अक्षय तृतीया के दिन गरीब, असहाय लोगों को भोजन अवश्य कराएं।
- अक्षय तृतीया के दिन गंगा स्नान करना चाहिए। इस दिन खरबूजा और मटकी का दान करने का बड़ा महत्व है। ब्राह्मणों को पंखा, चावल, नमक, घी, शक्कर, साग, इमली, फल तथा वस्त्र का दान करना चाहिए। सामथ्र्य अनुसार दक्षिणा भी देनी चाहिए।
- अगर बात अनाज की करें तो अक्षय तृतीया के दिन जौ, गेहूं, चना, दही, चावल, फल और अनाज का दान करना श्रेयस्कर होता है। ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ ही मां लक्ष्मी (Mata Laxmi) भी प्रसन्न होती हैं।
- अक्षय तृतीया के दिन पितरों के निमित्त कलश, पंखा, चप्पल, छाता, ककड़ी और खरबूजा दान करने का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ ही साथ मांता लक्ष्मी की कृपा भी साधक को प्राप्त होती है।
भूलकर भी ना करें यह काम
- अक्षय तृतीया के दिन जो लोग व्रत करते हैं उन्हें क्रोध से दूर रहना चाहिए तथा घर में शान्ति बनाये रखना चाहिए। साधक को यह ध्यान रखना चाहिए कि घर में कलह, लड़ाई, झगड़े का वातावरण ना बनें, अन्यथा मां लक्ष्मी रूष्ट हो जाती है।
- व्रत करने वाले साधक को किसी की भी बुराई नहीं करनी चाहिए। वरना माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है।
- व्रत करने वाले श्रद्धालु को व्रत के दौरान किसी भी प्रकार के नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
माता लक्ष्मी की कृपा चाहिए तो यह करें उपाय
- अक्षय तृतीया के दिन 11 कौड़ियों को लाल कपडे में बांधकर पूजा स्थान में रखे इसमें देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने की क्षमता होती है। इसी के साथ इनका प्रयोग तंत्र मंत्र में भी होता है। कहते हैं देवी लक्ष्मी के समान ही कौड़ियां समुद्र से उत्पन्न हुई है।
- पुराणों में ऐसा वर्णित है कि अक्षय तृतीया के दिन केसर और हल्दी से देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक परेशानियों में लाभ मिलता है।
- इस बात का ध्यान रखना चाहिए अक्षय तृतीया के दिन घर में पूजा स्थान में एकाक्षी नारियल स्थापित करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- पितरों की प्रसन्नता के लिए अक्षय तृतीया के दिन जल कलश, पंखा, खड़ाऊं, छाता, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा, फल, शक्कर, घी आदि ब्राह्मण को दान करने चाहिए इससे पितरों प्रसन्न होते है और जातक को मनोवांछित फल प्राप्ति का आर्शीवाद प्रदान करते हैं।
इस मंत्र के जाप से करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न
अक्षय तृतीया पर धन की देवी माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए माता लक्ष्मी का जाप करना श्रेयस्कर होता है। माता लक्ष्मी के मंत्र ‘ऊँ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नौ लक्ष्मी प्रचोदयात‘ का जप करना चाहिए। अगर आप अपार धन सम्पदा प्राप्त करना चाहते है तो अक्षय तृतीया के दिन कनकधारा स्त्रोत का पाठ अवश्य करें। यह पाठ आप सुबह या शाम किसी भी समय कर सकते है।
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जवाब देंहटाएंअदभुत जानकारी
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी
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